Saturday, February 16, 2013

क्या स्व'छ दिखता किचन कीटाणुमुक्त भी है ?

 क्या आपका साफ सुथरा दिख रहा किचन स्वास्थ्य की दृष्टि से भी स्व'छ है ? बिल्कुल नहीं, आपका किचन केवल ऊपरी तौर पर साफ है, ना कि पूरी तरह से कीटाणुओं से मुक्त। यह खुलासा 12 फरवरी को मुंबई में आयोजित 'किचन की सफाई और स्वास्थ्य अध्ययनÓ विषयक प्रेस कांफ्रेंस में इंडियन मेडिकल अकादमी ने किया।
अकादमी के 500 डॉक्टरों ने मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, कोलकता, बंगलौर, हैदराबाद और पुणे में सर्वेक्षण कर पाया कि 87 प्रतिशत गृहिणियों ने केवल गंदगी, धूल, घी और तेल की सफाई को ही पर्याप्त माना, जबकि 90 प्रतिशत ने प्रत्यक्ष रूप से दिख रहे साफ किचन को ही स्वास्थ्य की दृष्टि से भी स्व'छ माना। केवल 13 प्रतिशत ने महसूस किया कि किचन से कीटाणु और जीवाणुओं की सफाई महत्वपूर्ण है । इसके विपरीत 100 प्रतिशत डॉक्टरोंने किचन में प्रत्यक्ष दिख रही सफाई को अल्प स्व'छता ठहराते हुए स्वास्थ्य विज्ञान की दृष्टि से अस्व'छ बताया । बकौल डॉक्टर प्रीतैश कौल (सलाहकार इंडियन मेडिकल अकादमी ), '' आम भारतीयों के बीच रसोई घर की सफाई के संदर्भमेंप्राथमिकता विभिन्न प्रकार की बीमारियां उत्पन्न करने वाले कीटाणुओं से मुक्ति पाने के बजाय प्रत्यक्ष दिखती सफाई से जुड़ी है ।ÓÓ
इसके अलावा बाथरूम की सफाई 2 प्रतिशतने दैनिक, 18 प्रतिशतने द्विसप्ताहिक, 36 प्रतिशतने सप्ताहिक, 40 प्रतिशतने पाक्षिक और 4 प्रतिशतने मासिक अंतराल पर करना बताया । जबकि रसोई घर की सफाई के संदर्भ में 0 प्रतिशतदैनिक, 0 प्रतिशतद्विसप्ताहिक, 1 प्रतिशतसप्ताहिक, 8 प्रतिशतपाक्षिक और 14 प्रतिशतने माना कि मासिक आधार पर की जानी चाहिए। गौरतलब है कि सर्वेक्षण में लिविंग रूम और बेडरूम की सफाई की आवृत्ति सबसे ज्यादा पायी गयी, उनका मानना था कि यह क्षेत्र अधिक निरीक्षण वाला होता है ।
जनरल मेडिकल के एम.डी. डॉ. वेंक्टेश्वर कहते हैं कि काफी संख्या में लोग यह मानते हैं कि बाहर खाने से आंतों के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उनमें कुछ तथ्य यह भी है कि यदि स्वयं के खाना पकाने के स्थान को कीटाणुमुक्त नहीं किया गया, तो अपना किचन भी अस्वस्थता का कारण बन सकता है। सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि किचन से जुड़े उपकरणों की तुलना में बेसिन, मोरी आदि की सफाई कम की जाती है। इसके अलावा अधिकांश भारतीय बर्तन, किचेन स्लैब्स, टावेल आदि की सफाई के लिए डिटर्जेंट पावडर, बार्स, लिक्विड और सादे पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन जीवाणुरोधी प्रयोगकर्ताओं का अनुपात केवल 5प्रतिशत से 8 प्रतिशत के बीच है। जबकि डाक्टरों ने जीवाणुरोधी बार और लिक्विड का प्रयोग करने का सलाह दिया है । सर्वे में डॉक्टरों ने बताया है कि बर्तन साफ करने के लिए प्रयुक्त होने वाला कपड़ा यदि अ'छी तरह से विसंक्रमित नहीं है, तो बर्तन भी दूषित हो जाएंगे । सर्वे दल के डॉक्टरों ने संक्रमण फैलाव के प्रमुख कारणों में किचन और उससे संबंधित उपकरणों सहित अस्व'छ हाथ और दूषित कपड़ों के प्रयोग को बताया है।