पल भर की आज उनसे मुलाकात हो गयी
जो न चाहते थे करना वही बात हो गयी .
शिकवे शिकायतों से क्या फायदा है अब
आसूं से लड़ते- लड़ते लब की मात हो गयी .
यौवन के पहले मोड़ पर ये क्या हो गया
कुछ पग ही तो चले थे क्यों रात हो गयी .
रिश्तों का दर्द मेरे दामन में भर गए
घुट-घुट के अब तो जीना कायनात हो गयी .
क्या दर्द है लगन का कैसे किसे बताऊँ
मेरा ख्वाब मेरी खातिर हवालात हो गयी .
जो न चाहते थे करना वही बात हो गयी .
शिकवे शिकायतों से क्या फायदा है अब
आसूं से लड़ते- लड़ते लब की मात हो गयी .
यौवन के पहले मोड़ पर ये क्या हो गया
कुछ पग ही तो चले थे क्यों रात हो गयी .
रिश्तों का दर्द मेरे दामन में भर गए
घुट-घुट के अब तो जीना कायनात हो गयी .
क्या दर्द है लगन का कैसे किसे बताऊँ
मेरा ख्वाब मेरी खातिर हवालात हो गयी .
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