Friday, June 12, 2015

अधूरी रह गयी 'हमारी अधूरी कहानी' की संवेदना


महेश भट्ट फिल्म 'हमारी अधूरी कहानी' के जरिये काफी सालों बाद पुन: स्क्रिप्ट राइटिंग में उतरे। उन्होंने मध्यम वर्गीय समाज में महिलाओं के संदर्भ में व्याप्त रूढिय़ां और परिस्थितियों के बीच एक औरत के हालात को चित्रित किया है। इसके लिए दक्ष कलाकारों विद्या बालन, इमरान हाशमी और राजकुमार राव का चयन किया गया है। लेकिन घटनाक्रम की कमी के कारण संवेदना उभारने की पूरी कोशिश एक नाटक बनकर रह गयी है। यद्यपि विद्या बालन ने एक बोझिल वैवाहिक जीवन में विवाहेत्तर संबंधों के बीच के अंतर्विरोधों को बखूबी पर्दे पर साकार किया है। लेकिन निर्देशक मोहित सूरी ने विद्या को कुछ ज्यादा ही रुला दिया है। कुछ दृश्यों में उनक ा रुदन प्रभावहीन लगता है। सबसे महत्वपूर्ण बात कि यह अंतर्विरोध पश्चाताप के बजाय रवायतों को लेकर दिखता है। फिल्म हरि के माध्यम से पुरुषों के काइयापन का नंगा चित्र प्रस्तुत करती है।
पति हरि (राजकुमार राव) के गुम होने के बाद बेटे साथ रहती वसुधा (विद्या बालन) एक होटल में काम करती है। हरि के आंतकवादी होने का सबूत लेकर पुलिस अक्सर वसुधा से सवाल करती रहती है। सउदी अरब का बड़ा होटल व्यवसायी आरव (इमरान हाशमी) उस होटल को खरीद लेता है। वह वसुधा की ईमानदारी और सूझ बूझ का कायल हो मोटी सेलरी पर अपने सउदी के होटल में काम करने का प्रस्ताव देता है। वसुधा भी पति के छाये से बेटे को दूर रखने सउदी आ जाती है। आरव और वसुधा को प्यार हो जाता है। इसी दौरान हरि भी अचानक उपस्थित हो वसुधा से अपनी बेगुनाही की बात कहता है। हरि को पुलिस गिरफ्तार कर लेती है। वसुधा हरि को बचाने आरव से मदद मांगती है। दूसरी ओर हरि के आतंकवादी होने की स्वीकृत पर उसे मौत की सजा हो चुकी है। आरव हरि को बचाने छत्तीसगढ़ के बस्तर पहुंच प्रत्यक्ष गवाह की गवाही भेजता है, जिस पर हरि छूट जाता है, लेकिन लैंड माइंस के विस्फोट से अपनी जान गंवा बैठता है। वसुधा को जब पता चलता है कि हरि उसके जज्बात का फायदा उठा जानबूझ कर गुनाही स्वीकार किया रहता है, ताकि वह उसकी कुर्बानीतले दबकर आरव से शादी न कर सके, तब वह हरि को छोड़ भाग जाती है।
फिल्म का मूल मंतव्य घर से भागी वसुधा से हरि के मिलने पर उभरकर आता है, जब अब तक केवल रोतीवसुधा पुरुष प्रधान समाज में नारी की पराधीनता के एक-एक पर्दे उधेड़ती है। राजकुमार राव एक बार फिर अपनी छाप छोड़ गये हैं। इमरान एक अलग रूप में आये और भाये भी। फिल्म के कुछ गाने अच्छे हैं। टाइटल सांग पात्रों के यथार्थ को व्यक्त करता है। लोकेशन अच्छे लगते हैं।
स्टार : ढाई        

No comments:

Post a Comment