हमको बाधाओं की धूप से डर नहीं
सिर पे माँ की दुआओं का आँचल जो है
रुत बसंती रहे या ख़िज़ा बाग़ में
ना फिकर क्या लिखा है मेरे भाग में
नीले अम्बर से पानी गिरे ना गिरे
एक उमड़ता हुआ नेह का बादल तो है। …
मन में आँगन की खुशियां बसीं इस कदर
याद करते ही ग़म सारे हों दर बदर
अब निशान ना दिखे पर विश्वास में
वो सुरक्षा का एहसास काजल तो है …
अश्वनी राय
सिर पे माँ की दुआओं का आँचल जो है
रुत बसंती रहे या ख़िज़ा बाग़ में
ना फिकर क्या लिखा है मेरे भाग में
नीले अम्बर से पानी गिरे ना गिरे
एक उमड़ता हुआ नेह का बादल तो है। …
मन में आँगन की खुशियां बसीं इस कदर
याद करते ही ग़म सारे हों दर बदर
अब निशान ना दिखे पर विश्वास में
वो सुरक्षा का एहसास काजल तो है …
अश्वनी राय
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