Wednesday, June 17, 2015

हमको बाधाओं की धूप से डर नहीं

हमको बाधाओं की धूप से डर नहीं 
सिर पे माँ की दुआओं का आँचल जो है
रुत बसंती रहे या ख़िज़ा बाग़ में
ना फिकर क्या लिखा है मेरे भाग में
नीले अम्बर से पानी गिरे ना गिरे
एक उमड़ता हुआ नेह का बादल तो है। …
मन में आँगन की खुशियां बसीं इस कदर
याद करते ही ग़म सारे हों  दर बदर
अब निशान ना दिखे पर विश्वास में
वो सुरक्षा का एहसास काजल तो है …

अश्वनी राय 

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