भाड़ में जाय विश्व स्तरीय सुविधा
यात्रियों को पहले सुरक्षा चाहिए
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भारतीय संसद में रेल बजट प्रस्तुत करने के दौरान रेल मंत्री रेलवे से संबंधित विभिन्न क्षेत्रों में विश्व स्तरीय सुविधाआों के प्रस्तावों का जिक्र करते हैं । लेकिन इन आश्वासनों से क्या फायदा, जब रेल यात्रियों की सुरक्षा राम भरोसे हो । कहावत है-जान बची तो लाखों पाय । हर हादसे के बाद रेलवे की तरफ से मुआवजे की घोषणा की जाती है, इस बार भी हुआ । माना कि मुआवजा के रूप में मृतकों के परिजनों को दिये पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता कुछ समय के लिए उनकी रोटी को समस्या को टाल सकती है । परंतु यह कदम पारिवारिक सदस्य की क्षति पूर्ति नहीं कर सकता । इस लिए बेहतर तो यह है कि रेलवे पूर्व घटनाओं से सीख लेकर किसी भी तरह की सभी संभावित आशंकाओं के मद्देनजर सुरक्षा के व्यापक बंदोबस्त करे । यात्री विश्व स्तरीय सुविधा से पहले विश्व स्तरीय सुरक्षा ज्यादा पसंद करेंगे ।
आज लोकल हो या एक्सप्रेस सभी तरह की रेल गाडिय़ों में फेरीवालों का जमघट लगा हुआ है । इन फेरीवालों के कारण होने वाली परेशानियों से मुक्त होने की उम्मीद छोड़ यात्री इनके साथ सामंजस्य बिठाने को विवश हैं । गाडिय़ों में रुपये मांगते किन्नरों की हरकतों से परिवार के साथ यात्रा करते शर्मसार होने की स्थिति से लगभग हर कोई कभी ना कभी गुजरा ही होगा। ना जाने कब इन समस्याओं से यात्रियों को मुक्ति मिलेगी ।
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