Monday, August 29, 2011

खुल के हंसना चाहती हूँ

खुल के हंसना चाहती हूँ 
मैं मुक्त होना चाहती हूँ 
स्त्री की तस्वीर वाले फ्रेम को 
कुछ सुधारना चाहती हूँ
रीति के लिबास पर तर्क का 
इस्त्री चलाना चाहती हूँ 
रोक टोक के बिना उड़ने को 
आकाश पाना चाहती हूँ
जाती रंग रूप से परे 
पहचान पाना चाहती हूँ 
खुल के हंसना चाहती हूँ 
मैं मुक्त होना चाहती हूँ 

Tuesday, May 3, 2011

सभी ब्लोगरों को नमस्कार .