बहाने पुकारे भइया
ले लूँ तेरी बलइया
अपने हाथ
चाहे जहाँ तू जाए
वहां मेरी दुआएं
होंगी साथ
ज्योति फैलाये सूरज जब तक गगन से
उतनी उमर तेरी माँगू किशन से
सूरज पर ग्रहण आये
तुझ पर वो भी न आये
कोई घात
जीवन में हर पल ख़ुशी महक हो
माथे चमकता विजय का तिलक हो
प्रभु से विनती है मेरी
कीर्ति हो जग में तेरी
रातों रात
No comments:
Post a Comment